Ankita Singh Murder case: जानिए आखिर कौन है झारखंड की अंकिता, इससे जुड़ी दमाम जानकारी
एकतरफा प्यार के चक्कर में एक 23 साल के एक लड़के ने 17 साल की एक लड़की पर पेट्रोल डालकर उसे आग लगा दी। पांच दिन जिंदगी और मौत के बीच जूझती लड़की ने आखिरकार दम तोड दिया। इस घटना को लेकर झारखंड के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है।
झारखंड के दुमका क्षेत्र की एक घटना ने एक बार फिर पूरे देश को दहलाकर रख दिया है। गौरतलब है कि एकतरफा प्यार के चक्कर में एक 23 साल के एक लड़के ने 17 साल की एक लड़की पर पेट्रोल डालकर उसे आग लगा दी। पांच दिन जिंदगी और मौत के बीच जूझती लड़की ने आखिरकार दम तोड दिया। इस घटना को लेकर झारखंड के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। आइए जानते हैं क्या था पूरा मामला और कौन थी 17 वर्षीय यह लड़की अंकिता.....
जाने कौन थी Ankita Singh?
17 वर्षीय नाबालिक अंकिता सिंह गर्ल्स हाई स्कूल में पढ़ती थीं। वह 12वीं कक्षा की छात्रा स्कूल के साथ साथ ट्यूशन भी पढ़ाती थीं। क्योंकि उसकी मां की डेढ़ साल पहले ही कैंसर से मौत हो गई थी। उसके परिवार में अब पिता, दादी-दादा के अलावा उसके एक भाई और एक बहन भी थे। घर की स्थिति को देखते हुए वह जल्द से जल्द अपने पैरों में खड़ी होना चाहती थी।
कौन है हत्यारा शाहरुख?
बता दें शाहरुख अंकिता सिंह के पड़ोस में ही रहता था। उसने अंकिता को प्रपोज किया था मगर अंकिता ने इनकार कर दिया था। लेकिन वह नहीं माना और काफी दिनों से लगातार अंकिता को परेशान कर रहा था। अंकिता ने खुद अपने बयान में कहा कि वह उसे कई बार जान से मारने की धमकी दे चुका था। घटना के एक रात पहले राजमिस्त्री का काम करने वाले शाहरुख ने उससे फोन पर बात करने को कहा तो अंकिता ने मना कर दिया, इसी कारण से वह अंकिता की जान का दुश्मन बन गया।
क्या है पूरा मामला?
बता दें 22 अगस्त को शाहरुख ने अंकिता को फोन किया था और उस पर अंकिता ने जवाब नहीं दिया। 23 अगस्त को शाहरुख अल खुद सुबह अंकिता के घर पहुंचा, खिड़की तोड़कर उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। घरवालों ने चीख सुनते ही उस पर पानी डाला, कंबल में लपेटा मगर आग नहीं बुझी। उसके बाद अंकिता को दुमका मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, यहां पुलिस ने अंकिता का बयान लिया और शाहरुख की तलाश शुरू की। इसके बाद शाहरुख गिरफ्त में आ गया। अंकिता की हालत और बिगड़ने लगी उसे रांची के रिम्स अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां 28 अगस्त को उसकी मौत हो गई। उसके बाद से झारखंड के कई जिलों में विरोध प्रदर्शन भी जारी है।